क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिए आरोप यश दयाल

आईपीएल 2025 के हीरो यश दयाल अब विवादों के घेरे में हैं। गाजियाबाद की एक महिला ने फास्ट बॉलर पर शारीरिक हिंसा, शोषण और झूठे शादी के वादे का आरोप लगाते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और पुलिस को शिकायत दर्ज की है। यह मामला उसी यश दयाल के खिलाफ सामने आया है जिन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ फाइनल में 2/17 के जादुई स्पेल से आरसीबी को जिताया था।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने व्हाट्सएप चैट्स और मेडिकल रिपोर्ट्स सबूत के तौर पर पेश की हैं। यश दयाल या आरसीबी की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है। यश दयाल पर हिंसा के आरोप, आईपीएल करियर खतरे में
आरोपों की टाइमलाइन: प्रेम से कोर्टकचहरी तक
शिकायत में चौंकाने वाले दावे:
- 2022-2023: यश ने शादी का झूठा वादा कर रिश्ता शुरू किया
- दिसंबर 2023: शादी टालने पर पहली बार थप्पड़ मारा
- अप्रैल 2024: चोटों का इलाज कराया (मेडिकल रिपोर्ट जारी)
- 25 जून 2025: यूपी पुलिस और सीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज
पुलिस रिपोर्ट में पीड़िता का बयान: “जब मैंने शादी की बात की तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा… परिवार को नुकसान की धमकी दी।” फोरेंसिक टीम आवाज रिकॉर्डिंग्स की जांच कर रही है जहाँ यश हिंसा को स्वीकारते हुए सुनाई देते हैं। यश दयाल पर हिंसा के आरोप, आईपीएल करियर खतरे में
यश का सफर: आईपीएल हीरो से विवादित खिलाड़ी तक
ये आरोप यश के करियर के सुनहरे दौर में आए हैं:
- 2023: रिंकू सिंह को 5 छक्के खाने के बाद गुजरात टाइटंस से रिलीज
- 2024: आरसीबी ने 5 करोड़ में खरीदा, फाइनल में ‘मैन ऑफ द मैच’
- जून 2024: टी20 वर्ल्ड कप के लिए स्टैंडबाय चुने गए

उनके ₹12 करोड़ के एंडोर्समेंट डील (बोट, जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स समेत) अब खतरे में हैं। तीन ब्रांड्स ने जाँच पूरी होने तक विज्ञापन रोक दिए हैं।
कानूनी पहलू: कौन से IPC सेक्शन लागू हो सकते हैं?
विशेषज्ञ संभावित धाराएँ बता रहे हैं:
धारा | अपराध | सजा |
---|---|---|
IPC 376 | झूठे विवाह वादे से यौन शोषण | 10+ वर्ष कैद |
IPC 323 | शारीरिक चोट पहुँचाना | 1 वर्ष कैद |
IPC 506 | आपराधिक धमकी | 2 वर्ष कैद |
वरिष्ठ वकील करुणा नंदी बताती हैं: “अगर साबित होता है कि उन्होंने शादी का झूठा वादा कर शोषण किया, तो यह पॉश एक्ट के तहत गंभीर अपराध है।”
क्रिकेट का #MeToo पल: इतिहास में ऐसे मामले
यश का केस पहले विवादों की याद दिलाता है:
- 2022: राहुल शर्मा पर घरेलू हिंसा के आरोप, संन्यास लिया
- 2018: एमएस धोनी के खिलाफ नैतिकता का मुकदमा (खारिज)
- 2014: आरसीबी ने ल्यूक पोमर्सबैच का कॉन्ट्रैक्ट हिंसा के आरोप में रद्द किया
बीसीसीआई की जेंडर इक्विटी कमेटी अब कड़ी नजर में। सदस्य शांता रंगास्वामी कहती हैं: “स्वतंत्र जाँच जरूरी है – टीमें अपने सितारों की जाँच नहीं कर सकतीं।”
सोशल मीडिया पर तूफान: समर्थन बनाम निंदा
जनता दो खेमों में बंटी:
- #यशदयालकेसाथ: “आरसीबी के स्टार को बदनाम करने की साजिश!”
- #महिलाकोन्याय: “क्रिकेट की संस्कृति हिंसक पुरुषों को बढ़ावा देती है!”
- तटस्थ आवाजें: “सबूतों का इंतजार करें – झूठे आरोप असली पीड़ितों को नुकसान पहुँचाते हैं”
करियर की किस्मत: संभावित परिणाम
आईपीएल में पहले भी प्रीथी शॉ जैसे खिलाड़ियों को डोपिंग के लिए सस्पेंड किया जा चुका है। बीसीसीआई के नए आचार संहिता में “जेंडर वायलेंस पर जीरो टॉलरेंस” का नियम है।
निष्कर्ष: सच्चाई की जीत जरूरी
यश दयाल मामले की जाँच जारी है, जहाँ दो जिंदगियाँ दाँव पर लगी हैं – एक न्याय माँगती महिला और करियर के शिखर पर खिलाड़ी। यह घटना क्रिकेट को याद दिलाती है:
- स्वतंत्र जाँच प्रोटोकॉल की जरूरत
- खिलाड़ियों के लिए आचार प्रशिक्षण
- मीडिया की जिम्मेदारी
जब तक सबूत न आएँ, संयम बनाए रखना जरूरी है। विराट कोहली का कथन याद रखें: “क्रिकेट चरित्र की परीक्षा मैदान से ज्यादा बाहर लेता है।”
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